पहले
मैंने सोचा था अंग्रेज़ी वाले ब्लॉग में चिपकाएँगे। वहाँ चिपका दिए अब इधर भी बतियाएंगे...
कुछ साल
पहले की बात है, मैंने
प्रतिलिपि नामक app download किया और कुछ कहानियों से मेरी
पहचान हुई। उनमें से एक थी हैलो, आई एम यश... यशस्विनी लड़की
क्या पूरा बवाल है! उसकी कहानी पढ़ कर मुझे और पढ़ने का दिल हुआ
और इसकी लेखिका अंकु ठाकुर जोकि मेरे सौभाग्य से आज मेरी बेहद अच्छी दोस्त हैं, उनसे पहचान हुई। कमाल तिकड़ी है – अंकु, गरिमा aka
गम्मू और वर्षा mam जिन्हें हम सब प्यारी
वर्षु और मेरा स्पेशल rain dance mam…. (साइड नोट नाम रखुआ विभाग
हमारी गुलबिया का है. अतरंगी नामों के लिए संपर्क करें टिंग टोंग)
और तब से अंकु, गरिमा और वर्षा mam मेरी
जिंदगी के अटूट हिस्से बन गए।
इनकी कहानियों
ने कभी मुझे डराया (वर्षा mam का हॉरर), कभी प्यार और दोस्ती का मतलब सिखाया (गरिमा की खासियत) और अंकु रचित सस्पेन्स
के सागर में डूब डूब कर हम एक्शन के island के किनारे उतर गए।
मैं बेहद खुशकिस्मत हूँ कि इनकी कहानियों के
माध्यम से मैंने अपने आप को जाना, खुद की शक्ति को पहचाना और
आज मैं जो कुछ भी हूँ इसमें इन तीनों का हाथ, क्या पैर क्या पूरे
के पूरे ये सशरीर हैं। मुझे पता भी नहीं था कि एक दिन इनकी कहानियों के माध्यम से मुझे
कुछ ऐसे अटूट रिश्ते मिलेंगे जिन्हें आज हम क्रेकहेड्स के नाम से जानते हैं।
हम लोगों को
अंकु और गरिमा के स्टेटस पोस्ट्स पर एक दूसरे के कमेंट्स में घुस घुस कर टिप्पणी करने
का चस्का ऐसा लगा कि किसी किसी कमेन्ट स्ट्रिंग में 300 -400 कमेन्ट दिखने लगे। इस
तरह हम सब का नाम पड़ा क्रेकहेड्स। जब ये ग्रुप बना था तो सोचा भी नहीं था कि जिनके
वजह से ये ग्रुप है वो भी एक दिन इसका हिस्सा हो जाएंगे। हम सब शायद वो दिन कभी नहीं
भूलेंगे जब अंकु और गरिमा भी ग्रुप का हिस्सा बन गए थे।
हाँ तो
टूटेसिरों के बारे में क्या ही कहूँ ये लोग बड़े प्यारे हैं और सीधे तो इतने हैं
जैसे जलेबी!! एक दिन था कि लिपि पर हम सब अलग अलग भटकते थे और एक दूसरे को कम
जानते थे। बस एक चीज़ थी कॉमन हमारे बीच – अंकु और गरिमा #अनिमाज़ (हमारा fanmily नाम है)। अब प्रतिलिपि पर हमारी खुद की एक पहचान है और हम सब एक परिवार हैं
प्यारा सा। ईश्वर से यही चाहती हूँ कि मेरे क्रेकीज़ हमेशा खुश रहें और इनकी हर इच्छा
पूरी हो। और मुसीबत अगर आए तो हमारी इस वानर सेना के सामने आँख मिलाने की भी हिम्मत
न करे।
किसी दिन विस्तार
से बताऊँगी इनके बारे में
बड़े प्यारे
फूल सजाए ईश्वर ने हमारे फुलवारी में