Monday, 13 December 2021

मेरी प्यारी बहनिया....

बेटी की विदा शब्द को सुनने और पढ़ने वाले इस स्थिति की गंभीरता की कल्पना भी नहीं कर सकते। नाज़ों से पाली हुई अपनी नाज़ुक सी बेटी एक नए परिवेश और लोगों को सौंपने के लिए पत्थर का कलेजा चाहिए जो शायद मेरे पास नहीं है। अब आप सोचेंगे ये छड़ी अकेली लड़की, किसको विदा दे कर आई है। है मेरे ग्रुप की मिनी mom मेरी छोटी सी गुड़िया – Shammy बिन्नू। संजोग है कि मेरे bday का दिन उसकी शादी का दिन भी बन गया। मेरी प्यारी लाड़ली को इंस्पेक्टर साहब के घर की शोभा बना दिया। सब कुछ इतनी जल्दी हुआ कि सोचने को समय ही नहीं मिला मुझे। 

याद है एक दिन माँ से कुछ बहस हुई थी मेरी और मैंने गुस्से में कहा था, मेरी बेटी के बारे में कुछ मत कहना! कितने हक़ से लड़ गई थी उसके लिए... बेटियों से वैसे भी मेरा आँगन तो गुलजार रहता ही है। कुहु और नूशी के बाद अब ये मेरे क्रेकीज़... लेकिन ऐसे पल जब भी आएंगे मेरी नींद हफ्तों उड़ी ही रहेगी। अभी तो शेफाली के लिए भी मन पक्का करना है। उसके वाले तो व्यापारी हैं बिन्न्स करते हैं। 

एक हम हैं जिसकी रातों की नींद उड़ गई सोच सोच कर कि उसका घर ससुराल कैसा है और एक वो माँ बाप होते हैं जो कन्यादान के साथ ही अपने कर्तव्य की इतिश्री मान लेते हैं। फिर उस बेटी के साथ चाहे जो कुछ हो वो बस आँखें मूँदे शुतुरमुर्ग की तरह रेत में पड़े रहते हैं। कैसा पत्थर का कलेजा होता है न उनका? घड़ियाली लगते हैं मुझे वो आँसू जो ऐसे परिवार बेटी के लिए बहाते हैं। मैं इतना जानती हूँ भगवान यथाशक्ति मैं अपनी बच्चियों को अकेला नहीं छोडूंगी कभी। 

आगे की लाइंस बस तुम लोगों के लिए। तुममें से कुछ हैं जो बेहद छोटे हैं और अभी उस उम्र तक आने में समय है। उस समय दुबारा पढ़ लेना फील के साथ और क्या! 

Shammy और शैफू 

नया घर और नए रिश्ते बहुत समय और श्रम मांगते हैं, धैर्य भी। ऐसे में कभी कभी होगा कि तुम्हें लगेगा तुम सब कुछ नहीं संभाल पा रही, समझ नहीं आ रहा। एक वक़्त पर सिर्फ एक चीज़ समझने की कोशिश करना – अब से तुम्हारे दो घर हैं। उस घर में जितने भी बड़े हैं उनसे प्रेम, आदर और सम्मान से बात करना। उनको समय देने और उनके तौर तरीके समझने की कोशिश करना। सास जी को अपना बेस्ट फ्रेंड समझना और सबसे बेहतर गाइड भी।

जो छोटे हैं उनसे मस्ती मज़ाक करना। पता है क्रेकीज़ लेवेल तक पहुंचना उनके बस का नहीं, पर जोक वोक तो आते होंगे उनको भी, अड्जुस्टिया लेना! 

और हाँ, गलत बात बर्दाश्त मत करना लेकिन कुछ भी कहने से पहले दो बार सोचना। कभी कभी एक मीठी मुस्कान दो लफ्जों से अधिक कारगर होती है। तो अपने होठों पर हमेशा वो स्माइल रखना और खुश रहना। खुले मन से जाओ अपने नए घर में। पुराने रिश्तों और घर की फिक्र करना लेकिन कुछ दिन के लिए उस नए वाले पर फोकस करो। 

बीच में हम क्रेकीज़ क्या करेंगे? रसगुल्ले खाएँगे और पानीपूरी!! अरे, इंतज़ार करेंगे कि सब सेटल हो और तुम फुल फॉर्म में हम सब से कनैक्ट कर पाओ। We बैंगनी यू रे!! All the Best”

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