हे ईश्वर
जब कोई मुसीबत आती है
अपनों का पता भी अक्सर उसी वक़्त चल जाता है। आज जो हुआ उसे मुसीबत तो नहीं कह सकती
बस कुछ ऐसा है जिसने मुझे चौंका दिया। बदलाव अक्सर इंसान को चौंका देता है। ऐसा ही
कुछ हुआ जब मेरी जॉब में एक बदलाव की संभावना ने मुझे और मेरे अपनों को चौंका
दिया। कुछ लोग हैं जिनको लगता है कि मैं इस बदलाव से घबरा गई हूँ। कुछ को लग रहा
है मैं उनसे मदद की उम्मीद कर रही हूँ। कुछ को लगता है मैं चुपचाप जो भी हो रहा है
उसे स्वीकार कर लूँगी।
क्या होगा नहीं जानती पर
इतना जानती हूँ आज के इस हलचल में भी मुझे वो सुकून मिल रहा है जो मैंने कभी भी
महसूस नहीं किया था। आज जिस तरह से मेरे लोग मेरी फिक्र कर रहे हैं, प्यार
से बात कर रहे हैं पहले क्यूँ नहीं की कभी? मुझे कितना सुकून
मिला उनकी बातों से कैसे बताऊँ? कितना अच्छा लगता है जब कोई
कहता है ‘मैं हूँ न!’
जिंदगी में हमेशा ‘मैं हूँ
न’ बहुत ज़रूरी होता है। कोई तो होना ही चाहिए कहने वाला कि
मैं हूँ न। मैं तुम्हारे साथ हूँ, तुम्हें कुछ नहीं होने
दूँगा। मेरा परिवार भी सब कुछ भूल कर मेरे लिए मेरे साथ खड़ा है। वो भी कहने लगे
हैं ‘मैं अब हमेशा तुम्हारा ख्याल रखूँगा। कभी तुमसे बुरी
तरह से बात नहीं करूंगा’। जिस प्यार को हम उम्र भर तलाश करते
हैं, वो प्यार हमेशा हमारे अपनों के दिल में रहता है। ज़रूरत होती
है बस उसे ज़ाहिर करने की।
आपने सचमुच मेरे जन्मदिन
का तोहफा बेहद शानदार चुना है।
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