हे ईश्वर
सुने नहीं जाते उनके लगाए
हुए इल्ज़ाम! अब बस!! उन्होने कहा था कि वो मेरा मान सम्मान रखेंगे, मुझे वो
इज्ज़त देंगे जो मेरा हक़ है और मुझे हमेशा प्यार से ही रखेंगे। पर आज उनकी एक मांग न
पूरी होने की कितनी बड़ी कीमत मैं रोज़ चुका रही हूँ। कहते हैं तुम सुबह से शाम तक करती
ही क्या हो? मुझे जबकि खबर ही नहीं रहती सुबह से शाम और फिर रात
भी न जाने कब हो जाती है। मेरा मन चुप सा होता जा रहा है। कान सुनते हैं पर दिल तक
उनकी कोई बात नहीं पहुँच पा रही। क्या करूँ? आज का दिन ही न जाने
कैसा है? पहले दी और फिर वो न जाने क्या कुछ बोलते चले गए। बिना
ये सोचे कि उनकी बातें, उनके ताने किस कदर दिल को छलनी कर रहे
हैं। दी का कहना है किसी को अपनी जिंदगी में आने दो। पर उसकी बातों का विरोधाभास मुझे
उसकी बात मानने नहीं देता। मैं कभी नहीं भूल सकती जो उसने कहा था “अच्छा है कि तुम्हारी
शादी नहीं हुई है। किसी की जिंदगी बर्बाद होने से बच गई।“ यकीन मानो बहन मैं खुद भी
भगवान को रोज़ शुक्रिया अदा करती हूँ कि मेरे जीवन में रायते फैलाने का अधिकार सिर्फ
और सिर्फ मेरा है!
शायद वो सच ही कहते हैं कि
मेरी आँख का पानी मर चुका है और कुछ भी कह लो मुझे कोई असर नहीं पड़ने वाला। कल से जो
उनके धाराप्रवाह आशीर्वचन (!) शुरू हुए हैं। गोलाबारी अभी तक चल रही है, थमी नहीं।
पर मैं शायद अब वो ध्वस्त इमारत हो चुकी हूँ जो पूरी तरह से धूल में मिल चुकी है। अब
उस पर चाहे जितनी बार वार करो कोई असर नहीं होने वाला। सच ही कहा था उस दिन मैंने “जो
मेरे साथ हो चुका है उससे बुरा मेरे साथ हो भी क्या सकता है!”
हो सकता है पर होगा कुछ भी
नहीं। ईश्वर आपको मुझ पर और मुझे आप पर अटूट विश्वास है। मुझे पता है मैं इतना कभी
नहीं गिरूंगी कि उठ न सकूँ। न ही आप इतने ऊंचे होंगे कभी कि मुझे हाथ न दे सकें। वो
कहते हैं मैंने उनका अपना होकर उनको धोखा दिया, उनकी पीठ में छूरा घोंपा। सुना
नहीं जाता भगवान। पर अपनी जिंदगी अब इतनी भी सस्ती नहीं लगती। अपने प्रयास इतने भी
छोटे नहीं लगते। न ही ऐसा लगता है कि मेरी कार्यकुशलता में कोई कमी है। उनकी बातों
का सर नहीं हो पा रहा। मन अपनी नई नई सफलता में ही डूबा है। अब तो धमकियाँ भी बेअसर
हो चली हैं। मैं साहसी हो गई हूँ या बेशरम समझ नहीं आता। बस इतना समझ पा रही हूँ कि
आज भी मैं उनका ही हित चाहती हूँ। हमारे बीच की ये गलतफहमी मिटा दो ईश्वर। मेरी मदद
करो न।कुछ करो न!
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