हे ईश्वर
बहुत सी लुका छिपी आजकल
आप मेरे साथ करते रहते हैं। कभी छोड़ कर जाने की धमकियाँ, कभी इफरात
प्यार। हमारे बीच का विश्वास ही मेरी सबसे बड़ी ताकत है। ईश्वर आज भी वो मुझे छोड़
के जाने की बातें कर रहे हैं। पर मेरे मन में बैठे हुए आप कहते हैं कि सब ठीक हो
जाएगा। आपके ही भरोसे आज तक मैंने अपना हर कदम चला है। आप ही मुझे दिशा दिखते रहे
हैं। आज भी मुझे विश्वास है कि आपके होते मेरा रिश्ता संभल ही जाएगा। अगर मेरा सफर
उनके साथ इतना ही है और आज सचमुच हमारे साथ का आखिरी दिन है तो शुक्रिया! मैंने उनके
साथ बेहद खूबसूरत सा समय बिताया है।
ईश्वर ये सच है कि सबको
सब कुछ नहीं मिलता इसलिए शायद मेरी जिंदगी में भी सब कुछ है सिवाय सुख चैन के। शायद
यही कीमत हो मुझे मिली हुई सारी सफलता की। वैसे भी मैंने आपसे कहा ही था मैं कभी सवाल
नहीं करूंगी। इसलिए नहीं करूंगी।
न जाने आपकी दुनिया में कितने
ऐसे लोग हैं। जो आपसे कभी धन मांगते होंगे, कभी संतान तो कभी सफलता। कुछ लोग इंसाफ भी मांगते
हैं। पर मैं आपसे कुछ नहीं मांग सकती। उसकी नज़र में अपने लिए इज्ज़त भी नहीं। आप जो
भी मुझे देते हैं मैं उसी को सिर माथे लूँगी। मैं आपसे वादा करती हूँ। ईश्वर मैं बेशर्म
हूँ क्या सच में? क्या वाकई में मैं बदल गई हूँ? क्या सच में मैं वो रही ही नहीं जिसे वो जानते थे? बताओ
न ईश्वर?
पर आपसे एक बात कहूँ? मैं आज भी
उनसे उतना ही प्यार करती हूँ जितना तब करती थी। आज भी उनकी हर इच्छा पूरी करनी का ही
मन करता है। जितनी कड़वाहट आज उनके लहजे में है उतनी मेरे मन में नहीं। मैं आज भी उनके
होठों पर हंसी और चेहरे पर सफलता ही देखना चाहती हूँ। आपसे मैंने जो वादा किया है मैं
उस पर ही कायम रहूँगी। मैं उसी तरह आपके आगे सर झुका कर उनकी सफलता की दुआ करूंगी।
आप उन्हें जल्दी सफलता दे देना भगवान और मुझे माफी कि मैंने उन्हें चोट पहुंचाई। इतना
तो मुझे आपसे मांगना ही पड़ेगा।
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