हे ईश्ववर
Wednesday, 15 August 2018
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अकेले हैं तो क्या गम है
तुमसे प्यार करना और किसी नट की तरह बांस के बीच बंधी रस्सी पर सधे हुए कदमों से चलना एक ही बात है। जिस तरह नट को पता नहीं होता कब उसके पैर क...
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अध्याय ६० हे ईश्वर माफी मांगती हूँ आपसे आज! मैंने आपकी दुनिया से प्यार, दोस्ती, ईमानदारी जैसी न जाने कितनी बड़ी बड़ी उम्मीदें लगा रखी थ...
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हे ईश्वर मैं आज बुरी तरह हारा हुआ महसूस कर रही हूँ। आज पहली बार एहसास हो रहा है कि मुझे इन्सानों की ज़रा भी पहचान नहीं है। मैं हर बार ...
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हे भगवान आपको इतनी बार बुलाया है पर मेरी आवाज़ जैसे आपको सुनाई ही नहीं देती। याद है एक बार मैंने कहा था आपको ‘ हर किसी की के लिए कोई न को...
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