Tuesday 11 June 2019

छोटे-छोटे सुख


हे ईश्वर

कितना कम चाहिए होता है हम लड़कियों को जीवन में खुश रहने के लिए। आज इतने दिनों बाद इतने प्यार से ये बोले तो ऐसा लगा सूखी ज़मीन पर कोई बादल बरसा हो। पिछले कुछ दिन मातश्री के साथ बड़े सुकून से बीते। माँ रहती है तो घर घर लगता है। ये कहते हैं कि साथ रख लो अपने हमेशा के लिए। पर फिर लगता है कि उनका अपना पीछे छूटा भरा पूरा संसार है। मेरी ये बैचलर डेन उनका मन तो बहला सकती है पर उन्हें वो ठहराव कभी नहीं दे पाएगी जो उनके घर की व्यस्तता में है।

लड़कियां आखिर चाहती क्या हैं... इस एक विषय पर न जाने कितने हास्य व्यंग्य और कहानियाँ बनी हैं। पर हर लड़की असल में अपने रिश्ते में सुरक्षित महसूस करना चाहती है। इसके अलावा उसके पास और कोई असुरक्षा नहीं, कोई बेचैनी नहीं। कोई महत्वाकांक्षा नहीं। एक इंसान का प्यार लड़कियों को सातवें आसमान पर पहुंचा देता है। वहीं किसी के तिरस्कार पर धरती में समा जाती हैं। अपना सब कुछ छोड़ कर चली जाती हैं, दान कर देती हैं। एक सरल सा आश्वासन कि मैं सिर्फ तुम्हारा हूँ किसी भी लड़की को वो खुशी देता है जो उसके आस पास बिखरी भौतिक वस्तुएं और सुख सुविधाएँ कभी नहीं दे सकती।

मेरे पास भी तो कितनी सारी सुख सुविधाएं हैं पर मन है कि किसी को चूल्हे के पास बैठा कर एक गरम रोटी परोसना चाहता है। कितना समझाया मैंने इसे वो तेरे हाथ का खाएँगे भी?’ शायद नहीं। पर क्यूँ नहीं इसका जवाब मुझे कभी नहीं मिलेगा। जात बिरादरी की बड़ी ऊंची दीवार है हमारे बीच। एक दिन ये सब भूल कर मैंने ही हाथ बढ़ा के उनका साथ मांगा था। आज जब वो धीरे धीरे मुझसे दूर हो रहे हैं, मन डूबता जा रहा है। फिर भी बहुत जीवट बाकी है। आँखों में आंसूं झिलमिलाते रहते हैं पर होठों से मुस्कान कभी अलग नहीं होती। मेरे रास्ते में आगे कितने ही कांटे हों, मैं उनके लिए फूल बिछाती ही रहती हूँ। फिर भी जब कभी वो किसी और का नाम लेते हैं, मन करता है ये सारे फूल तोड़ के बिखरा दूँ। फेंक दूँ ये आरती का थाल जो सिर्फ इनके ही लिए मैंने सजाया। बस इतना और आपसे मांगती हूँ ईश्वर, मेरे जीवन में जो भी हुआ उसके बावजूद भी मैंने उन पर विश्वास करने का साहस किया। मेरा विश्वास, मेरा साहस, मेरा धैर्य सब आपके ही भरोसे है। प्लीज भगवान, मेरे यकीन की रक्षा करना हमेशा। इसे हर परीक्षा में खरा उतरने की ताकत देना।







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