हे
ईश्वर
आपके
पास मेरे हर सवाल का जवाब है, हर दुविधा का अंत।
आज जब मैंने सोच लिया था कि मेरे इस प्यारे से रिश्ते का शायद इतना ही साथ था। लेकिन
आपने मुझे हारने नहीं दिया। आजकल तो ऐसे लगता है जैसे ये मेरा नया जन्म है। सब कुछ
पहले से भी ज़्यादा खूबसूरत है। मन सुलझा और शांत। ये तो नहीं जानती कि कब तक है ये
सुकून। पर इसको बनाए रखने के लिए जो भी करना पड़ा करूंगी।
अच्छा
लगता है जब वो प्यार से सर पर हाथ रख देते हैं। मन एकदम से शांत हो जाता है। कुछ भी
कहने की ज़रूरत ही नहीं रहती। काश हमारा साथ हमेशा ऐसे ही सुकून से भरा हो। हे ईश्वर, कितनी कम होती हैं हमारी जरूरतें। बस एक प्यार भरी नज़र, एक छोटा सा आश्वासन कि हम हमेशा साथ हैं। तुम मेरे लिए मायने रखती हो। न जाने
कौन कहता है कि हम एक रिश्ते से न जाने कौन कौन सी आसमान छूती उम्मीदें रखते हैं।
हमारी
उम्मीद बस एक प्यार भरी नज़र है और कुछ भी नहीं। एक इंसान जिसके लिए सब कुछ छोड़ के एक
अनजानी दुनिया में कदम रखते हैं, सोचते हैं उसकी नज़र
में हमारे लिए हमेशा प्यार हो, परवाह हो। उस प्यार के लिए हम
कुछ भी कर सकते हैं। वही परवाह किसी और के लिए हो तो सारी तपस्या व्यर्थ लगने लगती
है। एक छोटी सी तारीफ हमारे लिए वो जादू कर देती है जो बड़े से बड़ा ईनाम न कर सके।
वो
अक्सर कहते हैं कि कुछ करके एहसास दिलाने से अच्छा कुछ करो ही मत। पर मैं सोचती हूँ
एहसास दिलाने की ज़रूरत ही क्यूँ पड़े? क्यूँ नहीं हम पहले
ही हमारे रिश्ते को प्यार से इतना भर दें कि और किसी एहसास के लिए जगह ही न बचे। एक
दूसरे से प्यार जताना बहुत ज़रूरी है। इसके लिए आसमान से तारे तोड़ने की ज़रूरत नहीं।
तारों भरी रात में हाथ थाम कर कुछ कदम चलना भी बहुत है।
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