हे
ईश्वर
मेरा
तुमसे कोई रिश्ता नहीं है। आज यही कहा है उसने। बड़ी आसानी से... मैंने भी उसको कह दिया
हमारा रिश्ता है या नहीं ये तो वक़्त बताएगा। पर बड़ी खोखली लगी आज अपनी ये दलील। भगवान...
आप तो कुछ कहेंगे नहीं। अगर मैंने मुंह खोला तो खुद को बचाने के लिए सबके सामने मुझ
पर लांछन लगाने से चूकेगा नहीं ये इंसान। पर आप तो सारा सच जानते हैं। कुछ बोलते क्यूँ
नहीं कभी? यही है न जिसकी खुशी और सफलता के लिए मन्नतें मांगती रहती हूँ। यही है न जिसके
लिए, जिसके अपनों के लिए खून का घूंट पी कर उसे आज़ाद कर दिया
था मेरे प्रति किसी भी ज़िम्मेदारी से। यही है न जिसके लिए आपसे कितनी बार हाथ जोड़ कर
प्रार्थना की है। यही है जिसने मेरा हाथ उस वक़्त पकड़ा था जब मैंने अपने लिए कुछ अच्छा
सोचना ही छोड़ दिया था। उस नाउम्मीदी के अंधेरे से मेरा हाथ पकड़ कर ले आया था। आज कितनी
बेदर्दी से हाथ छुड़ा रहा है।
क्या
यही प्यार है भगवान? वो प्यार जिसे आपके समकक्ष खड़ा करने
से भी नहीं चूकते लोग। मेरी आँखों ने आज जो देखा था उसके बाद शक की कोई गुंजाइश नहीं।
वो किसी और के साथ थे। अब वो कहते हैं मैंने तुमसे कुछ छुपाया तो नहीं। पर बताया भी
तो नहीं था। वो तो अचानक मेरी आँखों के आगे एक सच आ गया। आप ही तो लाना चाहते थे।
क्या
बताना चाहते हैं मुझे? क्या करूँ? सब
कुछ नज़रअंदाज़ करके उस पर विश्वास करने की कसम खाई है मैंने। पर मेरे विश्वास का मान
रखना अब आपके हाथ में है ईश्वर। कभी कुछ ऐसा मत दिखाना मुझे कि प्यार, विश्वास और अपनापन सब बेमानी लगने लगे मुझे। मेरे ईश्वर आपके सिवा किसी ने
भी, कभी भी मुझे प्यार नहीं किया। अजीब मृगतृष्णा है मेरा जीवन
भी।
पर
मैं आज आपसे कुछ मांगना चाहती हूँ। हे ईश्वर उनको और उनके जैसे लोगों को आईना ज़रूर
दिखाना। वो दुनिया, समाज, रीत रिवाज़
सबसे भले बंधे रहें, पर उनका एक हिस्सा मेरे पास हमेशा रखना।
जिस प्यार को, जिस रिश्ते को समाज के डर से वो आज नकार रहे हैं, उसे इतनी शक्ति देना कि एक दिन वो खुद सबके सामने इसे स्वीकार भी करें और
अपनाएँ भी। हमें एक ही मंच पर, एक ही जगह पर एक साथ खड़ा करना
ईश्वर। प्रतिद्वंदी बना कर नहीं, सहयोगी बना कर। आज भले ही समाज
के खोखले नियमों का पलड़ा भारी हो। आने वाले कल को मेरा बना देना। इतना तो आपको मेरे
लिए करना ही होगा। साबित करना ही होगा कि हमारा रिश्ता है और इतना गहरा है कि हर हाल
में, हर परिस्थिति में हम हमेशा साथ रहेंगे। तुम्हारे समाज के
खोखले नियम कानून की आँखों में मिर्च झोंक कर सिर उठा कर खड़ा होगा मेरा प्यार और मेरा
रिश्ता भी। मैं उस दिन का इंतज़ार करूंगी। प्लीज भगवान इतना तो आपको मेरे लिए करना ही
होगा।
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